बाल विवाह के रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बाल विवाह के रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम

बाल विवाह के रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

शामली- महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई व चाइल्ड हेल्पलाइन के संरक्षण अधिकारी व प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर पारूल चौधरी व अजरा खान द्वारा बताया गया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर जनपद में बाल विवाह की रोकथाम के लिए कस्तूबा गांधी स्कूल बनत में जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन किया गया।

जिसमें प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अजरा खान द्वारा बताया गया कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है. जिसमें कम उम्र के बच्चों की शादी कर दी जाती है यह समस्या विशेष रूप से विकासशील देशों में पाई जाती है जहां लडकियों को अक्सर कम उम्र में शादी के लिए मजबूर किया जाता है बाल विवाह के नुकसान भी है वह बालक बालिकाएं शिक्षा से वंचित हो जाती है स्वास्थ्य की समस्याएं पैदा हो जाती है मानसिक और भावनात्मक तनाव रहता है अधिकारों का हनन होता है भवष्यि की संभावनाओं का नुकसान होता है इसीलिए सरकार द्वारा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं लडकों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है।

तथा संरक्षण अधिकारी पारूल चौधरी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह अपराध माना जाता है अगर कोई ऐसा करता है तो 2 साल की सजा एवं एक लाख का जुर्माना होगा बाल विवाह में सारे दोष है बाल विवाह का सीधा असर ना केवल लडकियों पर बल्कि उनके परिवार व समुदाय पर भी होता है अगर आपके क्षेत्र में ऐसा कोई विवाह हो रहा हो तो इसकी जानकारी चाइल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना अवश्य दे जिससे बाल विवाह को रोका जा सके।

साथ ही साथ सरकार द्वारा संचालित हेल्प लाईन नम्बरों की व योजनाओं के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। उक्त जागरूक कार्यक्रम में कस्तूबा गांधी स्कूल की प्रधानाध्यापिका अध्यापिका व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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