ब्यूरो रिपोर्ट दैनिक सर्वे बुलेटिन
सहारनपुर।
विशेष सचिव राजस्व विभाग एवं मण्डल हेतु नामित नोडल अधिकारी प्रेम प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में रबी विपणन वर्ष 2025-26 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत गेहूं खरीद की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि पूरे सम्भाग में 98,500 मीट्रिक टन के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 624 किसानों से 2762.524 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। इसके सापेक्ष 221 किसानों को उनके बैंक खातों में भुगतान किया जा चुका है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मण्डल में कुल 181 गेहूं क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 140 केंद्रों पर गेहूं की खरीद प्रारंभ हो चुकी है। नोडल अधिकारी ने गेहूं खरीद की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी केंद्रों पर 17 अप्रैल तक खरीद शुरू हो जानी चाहिए और किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि समस्त अपर जिलाधिकारी व जिला क्रय अधिकारी प्रत्येक क्रय केंद्र का शासन द्वारा निर्धारित प्रारूप पर निरीक्षण करें, विशेषकर पीसीएफ व पीसीयू क्रय केंद्रों का। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं जैसे बोरे, धन, उपकरण, व कृषकों की सुख-सुविधा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो।
नोडल अधिकारी प्रेम प्रकाश सिंह ने सभी गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी और क्रय एजेंसियों को निर्देशित किया कि वर्ष 2021-22 में गेहूं विक्रय करने वाले किसानों की सूची प्राप्त कर उनसे संपर्क स्थापित कर पंजीकरण बढ़ाएं और क्रय में प्रगति लाएं। साथ ही क्रय केंद्रवार दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्य भी निर्धारित करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण दौरा
इसके पश्चात नोडल अधिकारी ग्राम घानाखण्डी, ब्लॉक पुवांरका में खाद्य विभाग द्वारा संचालित मोबाइल क्रय केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे। केंद्र प्रभारी श्रीमती अनुराधा मिश्रा व विपणन निरीक्षक मौके पर उपस्थित मिले।
कृषक फरहत अली, राहील, अब्दुल रऊफ और अस्ताफ अहमद ने बताया कि केंद्र प्रभारी द्वारा दो महीने पहले ही गेहूं क्रय के लिए पंजीकरण करा दिया गया था और सभी किसानों ने मोबाइल केंद्र के माध्यम से गेहूं बेचने की पुष्टि की है।
नोडल अधिकारी ने इसके बाद भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा संचालित नवीन मंडी सहारनपुर व मंडी समिति के गेहूं क्रय केंद्र का निरीक्षण किया। अंत में उन्होंने पिलखनी स्थित एफसीआई डिपो का दौरा कर वहां की भंडारण क्षमता की समीक्षा की।
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