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महावीर जयंती: नानौता में धूमधाम से निकली भव्य पालकी यात्रा, जैन समाज ने किया ‘जियो और जीने दो’ संदेश का संकल्प

जैन समाज ने 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की 2624वीं जन्म जयंती धूमधाम से मनाई

🔸 रिपोर्टर – महफ़ूज़ अली, दैनिक सर्वे बुलेटिन
📍 स्थान – नानौता, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)
📆 तिथि – 10 अप्रैल 2025


📌 जन्म जयंती की भव्य शुरुआत

जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की 2624वीं जन्म जयंती को देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नानौता में जैन समाज ने भक्ति, भव्यता और आध्यात्मिक उल्लास के साथ भगवान महावीर का जन्मोत्सव मनाया।

जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना, सहस्त्र कलशों से अभिषेक और भगवान के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प प्रमुख आकर्षण रहे।


🚩पालकी यात्रा, अभिषेक, प्रवचन, मंदिर दर्शन आदि की तस्वीरें

🚩 पालकी यात्रा और धार्मिक आयोजन

🔹 पुरुषों ने शुद्ध वस्त्र पहनकर नित्य पूजन किया
🔹 श्री जी की प्रतिमा को रथ पर विराजित कर नगर में भव्य पालकी यात्रा निकाली गई
🔹 बैंड-बाजा, झांकियां, ढोल-कीर्तन मंडली के साथ सजी थी यात्रा
🔹 जैन समाज के साथ अन्य समाजों के लोगों ने भी यात्रा का स्वागत किया
🔹 श्रद्धालुओं के लिए जलपान की व्यवस्था भी जगह-जगह की गई


🧘‍♂️ जैन आचार्य 108 श्री नयन सागर जी महाराज का प्रवचन

आचार्य श्री ने अपने प्रवचन में कहा:

“जियो और जीने दो” – यही भगवान महावीर का जीवन मंत्र है
प्रकृति से जुड़ाव, अहिंसा, सह-अस्तित्व और अनेकांत ही जैन धर्म के मूल हैं
पेड़-पौधों, जल, अग्नि, वायु और मिट्टी तक — हर कण में जीवन है और उसकी रक्षा करना ही धर्म है
उन्होंने बताया कि भगवान महावीर को ऋजुपालिका नदी के किनारे, एक शाल वृक्ष के नीचे केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी


📅 महावीर जयंती का महत्व और तिथि विवरण

  • महावीर स्वामी का जन्म चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को हुआ था
  • इस वर्ष यह तिथि 9 अप्रैल की रात 10:56 बजे से शुरू होकर 10 अप्रैल रात 1:01 बजे तक रही
  • भगवान महावीर का बचपन का नाम वर्धमान था
  • उन्होंने 30 वर्ष की आयु में गृह त्यागकर 12 वर्षों की कठिन तपस्या की
  • अहिंसा परमो धर्मः का संदेश देकर उन्होंने आत्मशांति और वैश्विक शांति का मार्ग प्रशस्त किया

🔍 Khabar Virendra Singh व Dainik Survey Bulletin की ओर से संदेश:

महावीर जयंती आध्यात्मिक जागरूकता, दया, अहिंसा और संयम का उत्सव है।
हमारी टीम इस शुभ अवसर पर जैन समाज को बधाई देती है और उनके धार्मिक व सामाजिक कार्यों को सम्मान देती है।


 

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