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मिर्जापुर में आवारा कुत्तों के झुंड ने नौनिहाल पर किया हमला

 ब्यूरो रिपोर्ट दैनिक सर्वे बुलेटिन

मिर्जापुर (सहारनपुर): जनपद में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है।

मिर्जापुर में आवारा कुत्तों का आतंक

मिर्जापुर में आवारा कुत्तों का आतंक

और यह समस्या न केवल शहर बल्कि गाँवों में भी गंभीर होती जा रही है।

क्षेत्र के विभिन्न गाँवों, शहरों और मोहल्लों में कुत्तों के झुंड खुलेआम घूमते हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों में हमेशा डर का माहौल बना रहता है। जबकि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर न तो ध्यान दे रहा है, न ही कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

घटना का विवरण: बीते दिन मिर्जापुर गाँव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब नाना के घर आए नौ वर्षीय वासित पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। वासित गाँव के पास स्थित नहर में नहाने गया था, तभी कुत्तों ने उस पर हमला बोल दिया। कुत्तों ने बच्चे को बुरी तरह से नोच डाला और करीब 50 मीटर तक घसीटते हुए ले गए। यह देखकर पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने शोर मचाया और बच्चे को कुत्तों से छुड़ाया।

बच्चे की स्थिति और इलाज: अच्छी तरह से घायल वासित को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना केवल एक उदाहरण है, जो जिले में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को दर्शाती है।

मिर्जापुर में आवारा कुत्तों का आतंक

मिर्जापुर में आवारा कुत्तों का आतंक

आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक: गौरतलब है कि पिछले एक साल में जिले में आवारा कुत्तों ने 40,977 लोगों को अपना शिकार बनाया है। गाँवों और शहरों में कुत्तों के झुंड राहगीरों पर हमला कर रहे हैं, और ग्रामीण किसी तरह से इन हमलों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। बड़े लोग तो डंडे या अन्य तरीकों से कुत्तों से बच जाते हैं, लेकिन बच्चे इससे सुरक्षित नहीं हैं।

स्थानीय नेताओं और निवासियों का बयान: मिर्जापुर और पाडली गाँव में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बारे में पाडली प्रधान मोहम्मद कामिल, फैसल, पूर्व प्रधान सोनू, मिर्जापुर निवासी पूर्व प्रधान उसमान, डॉ. मोहम्मद आरिफ, डॉ. हुसैन मलिक और अनुज सैन ने कहा कि कुत्तों को पकड़ने का अभियान केवल कागजों में चल रहा है। कई बार उन्होंने उच्च अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

समाधान की आवश्यकता: स्थानीय निवासियों का कहना है कि आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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