सादगी और भव्यता का संगम युद्ध किए बिना योगी नहीं बन सकते- स्वामी भारतभूषण

सादगी और भव्यता का संगम युद्ध किए बिना योगी नहीं बन सकते

सादगी और भव्यता का संगम युद्ध किए बिना योगी नहीं बन सकते

दैनिक सर्वे बुलेटिन
सहारनपुर। भले ही पहलगाम आतंकी हमले के कारण मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान और योगगुरु पद्मश्री भारत भूषण के जन्मदिन का हर साल होने वाला उत्सव इसबार स्थगित कर दिया गया हो लेकिन नितांत सादगी से यज्ञ के आयोजन और “योग व युद्ध का नाता” पर परिचर्चा के साथ सभी को ये देखने को मिला कि बिना बड़े ताम झाम के सादगी से किए गए आयोजन में भी बड़ी भव्यता हो सकती है।

सादगी और भव्यता का संगम युद्ध किए बिना योगी नहीं बन सकते

सादगी और भव्यता का संगम युद्ध किए बिना योगी नहीं बन सकते

योगमार्ग से जुड़े साधकों ने अपने नवजात शिशुओं का अन्नप्राशन संस्कार भी योगगुरु के हाथों से उन्हें खीर खिलाकर कराया जिनमें योगाचार्य नवनीश का छह मास का बच्चा उत्कर्ष शामिल रहा।

सुबह सवेरे से ही मोक्षायतन जिम में सामूहिक व्यायाम, योगाभ्यास, विशाल वैदिक यज्ञ और स्वामी जी के लीक से हटकर योग व युद्ध के संबंध पर गहन चर्चा के साथ बीते तरेपन वर्षों के सफर की उपलब्धियों के सिंहावलोकन के साथ समारोह के स्थगन की खबर वायरल कर देने के बावजूद दिनभर आने वालों का तांता लगा रहा। पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने आतंकी हमले के परिपेक्ष में कहा कि योग हमे सहयोग के साथ सजगता भी तो सिखाता है।

सरकार के कड़े कदमों के साथ समाज को भी विश्वासघातियों से सजग रहना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि सर्वात्मभाव सिखाने वाले योगेश्वर कृष्ण ही धर्म की रक्षा के लिए रौरव युद्ध करने की प्रेरणा देते हैं। योग के अध्यात्म साधक को भी षट् अरियों पर विजय प्राप्त करनी ही होती है, ऐसा किए बिना कोई योगी हो ही नहीं सकता। आत्मजयी होने में भी मन के विकारों से युद्ध अपरिहार्य है।

गुरु ने कहा कि योग मार्ग न दीनता सिखाता है और न ही पलायन इसीलिए १९९४ से भारतीय सेना और सशस्त्र बलों के लिए योग प्रशिक्षण शुरू करने का सौभाग्य मुझे मिला। आज के कार्यक्रम में संस्थान के मुखिया होने के नाते गुरुदेव स्वामी भारतभूषण स्वयं सपत्नीक यजमान रहे।

योग का युद्ध से नाता संगोष्ठी को संबोधित करने वालों में मुख्यत: अधिष्ठाता एन के शर्मा, योगाचार्य अनीता शर्मा, योगाचार्य आलोक श्रीवास्तव रामपुर शाखा प्रमुख शशिकांत शर्मा, पुराने साधक मुकेश शर्मा और स जरनैल सिंह रहे। मोक्षायतन संस्थान के प्रकल्प नेशन बिल्डर्स एकेडमी के बच्चों का स्वयं को नेशन बिल्डर बताते हुए “जागेंगे जगाएंगे, पढ़ेंगे पढ़ाएंगे, देश को बढ़ाएंगे” नारा लगाना सभी को भाया।

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