अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ संवाद एवं समाधान कार्यक्रम
□ प्लाइवुड मैन्युफैक्चर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा कार्यक्रम को किया गया आयोजित
महफूज़ अली (मुख्य संवाददाता) | दैनिक सर्वे बुलेटिन, सहारनपुर।
मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आईआईटी रूड़की, सहारनपुर कैंपस में प्लाइवुड मैन्युफैक्चर वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित संवाद व समाधान कार्यक्रम में उद्यमी, किसान, निर्यातक एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
इस अवसर पर दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। मंडलायुक्त अटल कुमार राय, जिलाधिकारी मनीष बंसल एवं अशोक अग्रवाल ने मुख्य सचिव को ओडीओपी उत्पाद काष्ठ प्रतिमा भेंट की।
मुख्य सचिव ने उद्यमियों और प्रबुद्धजनों की समस्याओं का अनुश्रवण करते हुए कहा कि पिछले 08 वर्षों में माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने विकास की गाथा लिखी है। इस दौरान उत्तर प्रदेश की जीडीपी एवं प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। अब यूपी में पर कैपिटा इनकम ₹1.25 लाख है। औद्योगीकरण को बढ़ावा देने हेतु 25 प्रकार की नीतियों का निर्माण किया गया है, जिनमें अन्य राज्यों की तुलना और समावेश भी किया गया है।
सरकार द्वारा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए एफडीआई, एफसीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 एवं फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 बनाई गई है। इसके अंतर्गत कंपनियों को भूमि खरीद में 75 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गई है। उदाहरणस्वरूप, अशोक लीलैण्ड को 100 करोड़ की भूमि 25 करोड़ में उपलब्ध कराई गई।
मुख्य सचिव ने कहा कि यूपी में एग्रो फॉरेस्ट की अहम भूमिका है। खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था बेहद मजबूत है। राज्य में 75% भूमि पर खेती होती है, जिसमें से 86% सिंचित भूमि है। कृषि के 15 उत्पादों में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे अपने उत्पादों को अमीर देशों में बेचें ताकि अधिक लाभ हो। इसी संदर्भ में उन्होंने उद्योग मंत्री के रूस दौरे का जिक्र किया। जेवर एयरपोर्ट में 50 एकड़ भूमि को कार्गो हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे वैश्विक उत्पादों का निर्यात संभव हो सकेगा। जेवर एयरपोर्ट 12,000 एकड़ में बन रहा है और इसका कार्य तीन फेज में पूर्ण होगा। इसका प्रथम फेज शीघ्र पूर्ण होगा और यह 22 करोड़ यात्रियों को सेवा देगा।
मुख्य सचिव ने तकनीकी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्लाईवुड उद्योग को तकनीकी के माध्यम से और अधिक आधुनिक बनाया जा सकता है। उन्होंने सीतापुर, हरदोई और उन्नाव में प्लाईवुड निवेश का जिक्र किया।
उन्होंने 10 करोड़ रुपये की घोषणा की जो रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना में खर्च किए जाएंगे। संवाद और समाधान के माध्यम से तकनीकी समृद्धि को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 45% एक्सप्रेसवे और 12 एयरपोर्ट हैं। 90 लाख MSME यूनिट्स हैं और ओडीओपी में अन्य जनपदों के प्रमुख उत्पादों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बुंदेलखंड में भी एक नोएडा मॉडल टाउन विकसित करने की बात कही, जिसमें उत्तर प्रदेश के 07 जनपद और मध्य प्रदेश के 05 जनपद शामिल होंगे।
मुख्य सचिव ने दो सप्ताह के भीतर इस कार्यक्रम में आए सुझावों पर कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया।
मंडलायुक्त अटल कुमार राय का वक्तव्य:
सहारनपुर मंडल कृषि प्रधान क्षेत्र है। यहाँ के किसान कृषि वानिकी के साथ प्रगतिशील भी हैं। क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में कच्चा माल उपलब्ध है। प्लाईवुड इंडस्ट्री को इससे लाभ होगा। मंडल के दो जिले NCR क्षेत्र में हैं जो पर्यावरण और उत्पादन की दृष्टि से उत्तम हैं।
जिलाधिकारी मनीष बंसल का संबोधन:
उन्होंने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर के करीब है और जल्द ही 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। रियल एस्टेट सेक्टर में वृद्धि के साथ प्लाईवुड उद्योग में भी उछाल संभावित है। जनपद में सप्लाई चेन विकसित है, प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ उपलब्ध है, और 01 लाख मीट्रिक टन पॉपुलर उत्पादन होता है। प्रशासन लाइसेंसिंग में सहयोग करेगा।
उद्योगपतियों और विशेषज्ञों के विचार:
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अशोक अग्रवाल (अध्यक्ष, एसोसिएशन): सरकार अब उद्यमियों के दरवाजे पर है। समस्याओं का हल निश्चित है। संकल्प जरूरी है, धन नहीं।
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प्रो. के.के. पंत (निदेशक, IIT रुड़की): MSME और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। AI, ड्रोन, प्रोसेसिंग आदि तकनीकों को अपनाने का आह्वान।
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रामजी सुनेजा (संयोजक): ODOP में एक जिला दो उत्पाद योजना के लिए आभार।
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अनुज गर्ग (सचिव): शामली में फायर स्टेशन की मांग रखी।
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डॉ. अशोक कुमार (FRI): तकनीकी के माध्यम से कृषि उत्पादों में विविधता और गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर।
अन्य प्रमुख उपस्थिति:
विकास अग्रवाल (बिजनौर), नरेश तिवारी (जालंधर), जुगल किशोर बिहानी (हरियाणा), विमल चौपड़ा, प्रमोद मिगलानी, नीरज केडिया, मंजीत अरोड़ा, ललित वर्मा (वन विभाग), प्रवीण सडाना, ऋषभ अग्रवाल, अनूप खन्ना, सहित बड़ी संख्या में किसान, उद्यमी और निर्यातक कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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